आयोग के बारे में

To protect, preserve and conserve and welfare of indigenous cows of Jharkhand, Jharkhand Go Seva Ayog has been enacted in State in Year 2005. Jharkhand Go Sewa Ayog is a committee of 11 members including Chairman and Vice Chairman. Among other nine members five belong to ex officio members of different department and four members are being nominated by Department of Agriculture Animal Husbandry and cooperative.

The Five members of different department are as follows:

  • Development commissioner Govt of Jharkhand
  • Finance Commissioner of Secretary Department of Finance GOJ
  • Commissioner or Secretary Department of Agriculture Animal Husbandry and Cooperative/Animal Husbandry
  • Commissioner or Secretary Department of urban development
  • DGP Government of Jharkhand

The four members of Non government Category are as follows:

  • Jharkhand Goshala Sangh
  • Members nominated from Birsa Agricultural University (not less than HOD)
  • Nominated two members related to Animal welfare Organisation

झारखंड गौ सेवा आयोग अधिनियम, 2005 (झारखंड अधिनियम, 02, 2006) के तहत राज्य में मवेशियों के कल्याण और संरक्षण के लिए 07 जनवरी, 2006 को झारखंड गौ सेवा आयोग का गठन किया गया था।

1. आयोग में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष सहित निम्नलिखित ग्यारह सदस्य होंगे: -
1)  अध्यक्ष-राज्य सरकार द्वारा मनोनीत एक गैर-सरकारी सदस्य।
2)  उपाध्यक्ष - राज्य सरकार द्वारा नामित एक गैर-सरकारी सदस्य।
3)  अन्य सदस्य(नौ) - जिनमें से पांच सदस्य राज्य सरकार के अधिकारी और चार गैर-सरकारी सदस्य होंगे।
 
2. आधिकारिक सदस्य:- सभी पदेन सदस्य:-
1) विकास आयुक्त, झारखंड सरकार।
2) वित्त आयुक्त या सचिव, झारखंड सरकार।
3) आयुक्त या सचिव, कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग, झारखंड सरकार।
4)आयुक्त या सचिव नगर विकास विभाग, झारखंड सरकार।
5)डीजीपी, झारखंड सरकार
 
3. गैर-सरकारी सदस्य - राज्य सरकार द्वारा मनोनीत:-
1) झारखंड गौशाला संघ द्वारा नामित एक प्रतिनिधि।
2) कुलपति, बिरसा कृषि विश्वविद्यालय, रांची या उसका/उसका प्रतिनिधि जो डीन/एचओडी पद से नीचे का न हो।
3) राज्य के अंदर पशु कल्याण कार्य से जुड़े चार ऐसे गैर-सरकारी व्यक्ति, जिन्हें राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर अधिसूचित किया जाए।
 
कार्यालय की अवधि :-
आयोग के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष सहित सभी सदस्य आयोग की पहली बैठक की तारीख से तीन साल की अवधि के लिए पद पर रहेंगे।
 
राज्य सरकार पशुपालन विभाग से निम्नलिखित अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति करेगी:-
      1. आयोग के सचिव - संयुक्त निदेशक स्तर के अधिकारी।
      2. आयोग के रजिस्ट्रार - उप निदेशक स्तर के अधिकारी।
      3. पशु चिकित्सा अधिकारी.
 
 
आयोग का यह कृत्य होगा की वह-
1. पशुओ को तत्समय प्रवृत किसी विधि के अधीन दिए संरक्षण को सुनिश्चित करे, की जिसमे कत्ल के लिए ले जाने वाले, कत्ल के लिए या उसकी संभावना मे ले जाए जाने या ढोए जाने वाले पशुओं जी जब्ती, अभिरक्षा और आरोपियों के विरुद्ध आपराधिक कार्यवाही करना भी समाविस्ट होगा |
2. (एक)-खंड (1) मे निर्दिष्ट विषियो के समुचित तथा यथासमय कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने हेतु राज्य सरकार के संबंधित विभागों को अथवा राज्य सरकार के स्वामित्व के या उसके द्वारा नियंत्रित किसी निकाय या प्राधिकारी को, जो ऐसे कार्यान्वयन के लिए ज़िमेदार हैं उन्हे अधिक प्रभावी बनाने के लिए उपचारात्मक उपाय प्रस्तावित करे;
(दो) गो-शाला विकाश स्कीमो के अधीन राज्य सरकार या केंद्र सरकार के कार्यक्रमों का समुचित तथा यथासमय कार्यान्वयन को सुनिश्चित करे;
3. पशुओ की स्वदेशी, विशेषत : झारखंड राज्य की नस्ल के विकास के लिए , संस्थाओ की सक्रिय भागीदारी को सुनिश्चित करे;
4 . पशुओ के स्वास्थ्य संबंधी देखभाल को प्रोन्नत करे;
5. तत्समय प्रवृत किसी अधिनियम के उलंघन के लिए अभिगृहीत किए गये पशुओ की देखभाल तथा प्रबंध को को सुनिश्चित करे;
6. किसी संस्था द्वारा भारण पोषन के लिये रखे गये अशक्त तथा बूढ़े पशुओ के समुचित प्रबंध को सुनिश्चित करे;
7. संस्थाओ का पर्यवेक्षण तथा निरीक्षण करे;
8. चारे की उन्नत किस्म की खेती, चारा बीज उत्पादन कार्यक्रम तथा चरागाह विकास गतिविधियों को प्रोन्नत करे;
9. कृषि विश्‍व विधालय तथा पशु तथा चारा विकास कार्यक्रम पर कार्यवाही करने वाले अन्य अनुसंधान संस्थाओ से समन्वय करे और नई वाज्ञानिक तकनीकी अपनाने मे संस्थाओ की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करे;
10. ऐसे उपायो को सुझाए जो आर्थिक रूप से कमजोर संस्थाओ को सशक्त बनाने मैं सहायक हो सके;
11. संस्थाओ को आर्थिक सहायता प्रदान करे;
12. किसी संस्थान के कार्यकलापों के संबंध मे शिकायतों की जाँच करे;
13. ऐसे अन्य कृत्यो का वैसे की उसे राज्य सरकार द्वारा समनुदेशित किए जाए, पालन करे |