जोहार ।

गावो विश्वस्य मातर:

अर्थात गोमाता संपूर्ण विश्व की माता है जो सबों को किसी न किसी रूप में पोषण प्रदान करती है। प्राचीन काल से ही हमारे लिए गायों का महत्व हमारे दैनिक दिनचर्या में रहा है। दुग्ध उत्पादन से लेकर खेती किसानी में हमारे देशी गायों एवं बैलों का अपना महत्वपूर्ण स्थान रहा है जिसे नकारा नहीं जा सकता है। परंतु आज की इस भाग-दौड़ भरी जिन्दगी एवं विकास की अंधी दौड में गायों के प्रति जो मानवीय दृष्टिकोण में कमी आई है, वह चिंताजनक है। दुग्ध उत्पादन में कमी आने अथवा किसी प्रकार की असाध्य पशु रोग हो जाने पर शहरी एवं ग्रामीण आवासन में रह रहे गोमाताओं को यूं ही आवारा सड़को पर छोड दिया जाता है या फिर किसी पशु व्यापारी के माध्यम से औने-पौने दाम में बेच दिया जाता है। जिससे न केवल पशु तस्करी को बढ़ावा मिलता है बल्कि व्यापक पैमाने में पशुओं के अवैध परिवहन से पशु रोग की संक्रामकता भी बढ़ जाती है।

झारखण्ड गो सेवा आयोग राज्य में गो पशुओं के कल्याण एवं परिरक्षण हेतु प्रयासरत है, जिससे न केवल अवैध पशु तस्करी की घटना को रोका जा सके वरन् राज्य में निबंधित गौशालाओं के माध्यम से आधारभूत सरंचना विकास एवं दैनिक भोजनादि हेतु की गई व्यवस्था के माध्यम से गौशाला संचालकों को गोमाता के कल्याण हेतु प्रोत्साहित भी किया जा सके। झारखण्ड राज्य के अधिकांश जिलों में अशक्त एवं अभिगृहित गोमाताओं के लिए संचालित गोशालाओं को समृद्ध करते हुए गो कल्याण संबधी कार्य किए जा रहे हैं। आयोग का यह प्रयास है कि राज्य की सभी निबंधित गौशालाआें को एक छत्र के नीचे लाकर उनका संरक्षण इस प्रकार किया जाए जिससे वे भविष्य की चुनौतियों के प्रति आत्मनिर्भर हो सके। झारखण्ड गो सेवा आयोग वर्तमान परिदृश्य से बाहर निकल कर आम जन मानस को गौशालाओं से जोड़े जाने हेतु प्रयासरत है जिसके लिए अलग से हमारी गौमाता हमारा दायित्व योजना संचालित की जा रही है। भविष्य में किसान परिवार की महिलाओं को स्वरोजगार की दिशा में प्रेरित करने हेतु गोबर एवं गोमूत्र. से तैयार किए जानेवाली कलाकृति, दैनिक उपयोग की वस्तुओं एवं सामग्री का निर्माण, वर्मीकम्पोस्ट निर्माण इत्यादि कर अनुत्पादक गोमाताओं को भी अपने परिवार में प्राकृतिक आवासन हेतु व्यवस्था प्रदान किए जाने का प्रयास कर रही है। इससे हमारी पशुओं की संख्या समृद्ध होगी और हमारी आनेवाली पीढियों को भी पशुओं के प्रति मानवीय दृष्टिकोण अपनाने, पारिस्थितिक संतुलन सह परिरक्षण संबधी स्पष्ट संदेश दिए जा सकेगें। इन्हीं प्रयासों से झारखण्ड राज्य की पहचान एक कल्याणकारी गो संरक्षक एवं गो संवर्द्धक प्रदेश के रूप में स्थापित किया जा सकेगा।

जय गौमाता की ।

श्री राजीव रंजन प्रसाद
अध्यक्ष, झारखण्ड गो सेवा आयोग,
राँची।